मिनी नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना
- प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश का संवर्धन।
- यह योजना प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू है।
- 10 गाय की इकाई जिसमें साहीवाल, गिर, थारपारकर प्रजाति की गाय के परियोजना लागत ₹23.60 लाख का 50 प्रतिशत अधिकतम ₹11.80 लाख का अनुदान 02 चरणों में देय है।
- लाभार्थी अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत अनुदान 50 प्रतिशत।
- आधारभूत संरचना तैयार करने के उपरान्त प्रथम चरण का अनुदान (इकाई लागत का 25 प्रतिशत )।
- गाय क्रय के उपरान्त द्वितीय चरण का अनुदान (इकाई लागत का 25 प्रतिशत )।
- गाय का क्रय प्रदेश के बाहर से यथासंभव ब्रिडिंग ट्रैक्ट से किया जाये।
- गोवंश का ईयर टैग व बीमा कराना अनिवार्य होगा।
- क्रय किए जाने वाली गाय प्रथम अथवा द्वितीय ब्यात की हो, तथा ब्यात 45 दिन से अधिक न हो।
- आवेदक के पास गो पालन अथवा महिष पालन का कम से कम तीन वर्षो का अनुभव होना चाहिए तथा इसका प्रमाण सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा किया गया हो।
- आधारभूत संरचना हेतु 0.20 एकड तथा चारा उत्पादन हेतु 0.80 एकड़ भूमि अनिवार्य, स्वयं की अथवा पैतृृक/साझेदारी अथवा 07 वर्षों का पंजीकृत अनुबन्ध पर ली गयी हो, जलभराव से मुक्त हो।
- पूर्व में संचालित कामधेनु, मिनी/माइक्रो कामधेनु अथवा नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अन्तर्गत संचालित नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना एवं मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के लाभार्थी इस योजना हेतु पात्र नहीं।
- आवेदन ऑनलाईन निर्धारित प्रारूप पर किये जायेगें परन्तु जब तक नन्द बाबा दुग्ध मिशन का पोर्टल ऑनलाईन नहीं होता है तब तक पशुपालकों द्वारा आवेदन पत्र ऑफलाईन मोड में सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी अथवा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालय में रजिस्टर्ड डाक द्वारा अथवा सीधे जमा किये जायेंगे।
- आवेदनों की संख्या अधिक होने की स्थिति में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लाटरी के माध्यम से चयन किया जायेगा।
- अनुदान की धनराशि का भुगतान लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से अवमुक्त किया जायेगा।
Download GO
© Dairy Development Department, Uttar Pradesh, India | All rights reserved.