नन्दिनी कृषक समृद्धि योजना
- प्रदेश में उच्च उत्पादन क्षमता के गोवंश का संवर्धन।
- यह योजना प्रदेश के 18 मण्डल मुख्यालय जनपदों में लागू है।
- 25 गाय की इकाई जिसमें साहीवाल, गिर, थारपारकर अथवा गंगातीरी (अधिकतम 05) के परियोजना लागत ₹62.50/61.00 (इकाई में 05 गंगातीरी गाय ) का 50 प्रतिशत अधिकतम ₹31.25/30.50 लाख का अनुदान अनुमन्य है।
- अनुदान ₹31.25 लाख/30.50 लाख तीन चरणों में।
- लाभार्थी अंश 15 प्रतिशत, बैंक ऋण 35 प्रतिशत अनुदान 50 प्रतिशत।
- आधारभूत संरचना तैयार करने के उपरान्त प्रथम चरण का अनुदान (इकाई लागत का 25 प्रतिशत)।
- गाय क्रय के उपरान्त द्वितीय चरण का अनुदान (इकाई लागत का 12.5 प्रतिशत) तथा स्थापित इकाई में कम से कम 10 गाय की संतति उत्पन्न होने के उपरान्त तृतीय चरण का अनुदान (इकाई लागत का 12.5 प्रतिशत)।
- गाय का क्रय प्रदेश के बाहर से यथासंभव ब्रिडिंग ट्रैक्ट से किया जाये।
- गोवंश का ईयर टैग व बीमा कराना अनिवार्य होगा ।
- क्रय किए जाने वाली गाय प्रथम अथवा द्वितीय ब्यात की हो, तथा ब्यात 45 दिन से अधिक न हो।
- आवेदक के पास गो पालन अथवा महिष पालन का कम से कम तीन वर्षो का अनुभव होना चाहिए तथा इसका प्रमाण सम्बन्धित मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा किया गया हो।
- आधारभूत संरचना हेतु 0.5 एकड तथा चारा उत्पादन हेतु 1.5 एकड़ भूमि अनिवार्य, स्वयं की अथवा पैतृृक/साझेदारी अथवा 07 वर्षों का पंजीकृत अनुबन्ध पर ली गयी हो,तथा जलभराव से मुक्त हो।
- पूर्व में संचालित कामधेनु, मिनी/माइक्रो कामधेनु के लाभार्थी इस योजना हेतु पात्र नहीं।
- आवेदन आनलाईन अथवा ऑफलाइन के माध्यम से किया जायेगा, जिसकी हार्ड कापी सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी अथवा मुख्यपशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में उपलब्ध करायी जायेगीे।
- आवेदनों की संख्या अधिक होने की स्थिति में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा ई-लाटरी के माध्यम से चयन किया जायेगा।
Download GO
Download GO
© Dairy Development Department, Uttar Pradesh, India | All rights reserved.